मंगलवार, 29 सितंबर 2009

हार जाता है

शरीफ इन्सान आखिर क्यों इलेक्शन हार जाता है,
कहानी में तो ये लिखा है रावण हार जाता है।

जुडी हैं इससे तहजीबें ये सब तस्लीम करते हैं,
नुमाइश में मगर मिटटी का बर्तन हार जाता है।

अभी मौजूद है इस गाँव की मिटटी में खुद्दारी,
अभी बेवा की गैरत से महाजन हार जाता है।

अगर एक कीमती बाज़ार की कीमत है ये दुनिया,
तो फिर क्यों कांच की चूड़ी से कंगन हार जाता है।


मुनव्वर राना...

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